Doctors Grown Nose on Woman’s Arm and Transplanted:अब वो ज़माना नहीं रहा कि इंसान को बीमारी होने के बाद उसके ठीक होने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर नहीं लगाया जा सके. आजकल मेडिकल साइंस ने इनकी तरक्की कर ली है कि जिन चीज़ों को हम असंभव समझते हैं, उन्हें विज्ञान संभव कर देता है. ऐसे उदाहरण कई बार देखने को मिले हैं, जब डॉक्टरों ने छोटे-छोटे अंगों को विकसित करके ट्रांसप्लांट किया हो.
हाल ही में Nasal Cavity Cancer के कारण महिला ने अपना नाक खो दी थी. फिर महिला के हाथों पर डॉक्टरों ने उसकी नाक उगा दी और फिर उसे निकालकर उसके चेहरे पर ट्रांसप्लांट कर दिया. ऐसे ही केसेज़ में पहले डॉक्टरों ने कान भी थ्रीडी प्रिंटिंग के ज़रिये बनाकर उन्हें मरीज़ के शरीर पर जोड़ा है.
कैसे तैयार हो जाते हैं हाथों पर नए अंग
फ्रांस की एक महिला कैंसर के चलते महिला को रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी में अपनी नाक सालों पहले खो चुकी थी. वहीं साल 2016 में चीन में ज़ी नाम का एक शख्स एक्सीडेंट में अपने चेहरे का दायां हिस्सा कान समेत बर्बाद कर चुका था. उसका कान काटना पड़ गया था. दोनों ही केसेज़ में फ्रांस और चीन के डॉक्टरों को खासी मशक्कत करनी पड़ी और उन्होंने मरीज़ो के हाथ पर कान उगाया. जी का केस 6 साल पुराना है, जब तकनीक इतनी एडवांस नहीं थी. डॉक्टरों ने उनके हाथ की त्वचा को एक्सपेंडर से फैलाकर पसलियों से नरम हड्डी निकाली और कान के शेप में विकसित कर दिया. 3 चरण में ऑपरेशन के बाद इस उगाए गए कान को मरीज़ के चेहरे पर लगाया गया.
3D प्रिंटिंग से आसान हुआ काम
फ्रेंच महिला का केस नए ज़माने का है, ऐसे में उन्हें तकनीक का सहारा मिल गया. उनका कान थ्रीडी प्रिंटिंग के ज़रिये उगाकर लगाया गया. वैसे चीन में कई ऐसे बच्चों के चेहरे पर भी इसी तरह थ्रीडी प्रिंटेड कान लगाए जाते हैं, जिनके कान शेप में नहीं होते या फिर विकसित ही नहीं होते. ऐसे में ये तकनीक विज्ञान का अद्भुत चमत्कार ही कही जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2022, 17:10 IST
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