भीलवाड़ा: कॉलेज का शौक कला जगत में ख्याति और नाम दिला देगा यह किसने सोचा था. भीलवाड़ा जिले के एक ऐसा व्यक्ति जो कि अपने दोस्तों के आग्रह पर उनकी प्रेमिकाओं के लिए अपने दोस्तों की तरफ से प्रेम पत्र लिखता था. प्रेम पत्र लिखने की डिमांड इतनी थी कि पूरा कॉलेज ही पीछे पड़ा रहता था.
लिखने में इन्हें महारथ हासिल थी. प्रेम पत्र पाने के बाद उनके दोस्तों की प्रेमिका भी खुश हो जाती थी. प्रेम पत्र की एक खासियत और थी, प्रेम पत्र में यह लिखते-लिखते अपनी कला का भी प्रदर्शन कर देते थे. कहीं गुलाब तो कहीं भिन्न-भिन्न प्रकार की कलाकृति करके उस प्रेम पत्र को और सुंदर बना देते थे. प्रेम पत्र लिखते-लिखते के जी कदम कब भीलवाड़ा जिले का नाम कला राजस्थान में ही नहीं अपितु भारत के पटल पर भी ले जाकर भीलवाड़ा का मान सम्मान बढ़ा रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भीलवाड़ा में रहने वाले केजी कदम की. भीलवाड़ा के केजी कदम ने कॉलेज टाइम में मित्रों के प्रेम पत्र लिखने से शुरुआत की थी और आज वो एक बहुत ही उम्दा आर्टिस्ट और कार्टूनिस्ट बन चुके हैं. केजी कदम साधारण व्यक्ति और साधारण जीवन जीने वाले शख्स हैं. आर के लक्ष्मण से प्रेरणा लेकर उन्होंने कार्टून बनाना शुरू किया था और कई प्रकार के कार्टून व्यंग करते हुए आज भी यह बनाते हैं.
केजी कदम का कहना है कि कला के क्षेत्र में मुझे आज 30 साल हो गए हैं और मैंने अब तक रंगोली वाटर कलर कैनवास और कार्टून पर काम किया है. इसके साथ ही में व्यंग और कविताएं भी लिखता हूं. मैंने अपनी कला की शुरुआत कॉलेज के जमाने में की थी क्योंकि उस दौर में मोबाइल फोन नहीं होते थे. उस दौर में हर विद्यार्थी को कविताएं और व्यंग लिखने का शौक होता था तो मैंने ही शुरुआत व्यंग लिखने से की. धीरे-धीरे मेरे दोस्तों के आग्रह करने पर मैंने उनकी प्रेमिकाओं के लिए प्रेम पत्र लिखना शुरू किया और उस पत्र में मैंने अपनी कलाकारी भी शुरू की.
केजी कदम ने बताया कि धीरे-धीरे यह बात कॉलेज में फैल गई और हर कोई मेरे पास अपना प्रेम पत्र लिखवाने के लिए आने लग गया. इसके बाद मैंने आर के लक्ष्मण की एक किताब पढ़ी. जिसमें कई प्रकार के ड्रॉइंग और कार्टून बने हुए थे. जिससे मैंने प्रेरणा लेते हुए उस पूरी किताब की कॉपी कर ली और तब से मुझे कार्टून बनाने का शौक लग गया. धीरे-धीरे मैंने कला के क्षेत्र में अलग-अलग एक्सपेरिमेंट करते हुए कई कलाकृति बनाई जो देश ही नहीं विदेश में भी फेमस हुई.
भीलवाड़ा में आर्ट गैलरी की चाह
दिल्ली-मुंबई कई बड़ी सिटी में आर्टिस्ट को जो सम्मान प्राप्त होता है, वह सम्मान कहीं ना कहीं भीलवाड़ा में नहीं मिल पाता है क्योंकि यहां के लोगों में कला को लेकर उतना झुकाव नहीं है. यही वजह है कि बीते 30 सालों से यहां के कलाकार भीलवाड़ा में आर्ट गैलरी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. केजी कदम का कहना है कि हम चाहते हैं भीलवाड़ा में एक आर्ट गैलरी बन जाए, जिससे भीलवाड़ा के रहने वाले कलाकार अपनी कला को प्रदर्शित कर सके.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2022, 11:30 IST
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