जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग (अलग-अलग घेरे में)
G-20 Summit Bali & PM Modi meets:इंडोनेशिया के बाली में चल रहे दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों से गर्मजोशी से मुलाकात की। वह विश्व के अन्य नेताओं से भी मिले। मगर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को देखते ही पीएम मोदी ने मुंह फेर लिया। इससे समझा जा सकता है कि गलवान घाटी में चीन की हिंसा को भारत अभी भी भुला नहीं पाया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब पीएम मोदी ने गलवान घाटी की हिंसा के बाद से जिनपिंग को नजरंदाज किया हो, इससे पहले सितंबर में उज्बेकिस्तान के शंघाई शिखर सहयोग सम्मेलन में भी पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति से नहीं मिले थे।
गलवान घाटी की हिंसा के बाद से ही भारत और चीन के रिश्ते बेहद तल्ख चल रहे हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस घटना के बाद से शी जिनपिंग कई बार पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जता चुके हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार उज्बेकिस्तान के शिखर सम्मेलन में भी जिनपिंग पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने को इच्छुक थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें कोई लिफ्ट नहीं दिया। जबकि कहा जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भी सिफारिश लगाई थी। साथ ही भारत और चीन ने सीमा के विवादित क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों की संख्या भी कम कर दी थी। मगर भारत ने चीन के साथ कोई भी वार्ता करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि साजिश, घुसपैठ और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। पीएम मोदी ने बाली के जी-20 सम्मेलन में भी जिनपिंग को नजरंदाज करके पूरे विश्व को एक बड़ा संदेश दे दिया है।
बाइडन और मैक्रों से हुई गर्मजोशी से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों से गर्मजोशी से मिले। उन्होंने दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग संक्षिप्त वार्तालाप और हंसी-मजाक भी किया। जो बाइडन भी पीएम मोदी से हाथ मिलाने के बाद मुस्कुरा कर उनकी पीठ थपथाते नजर आए। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी पीएम मोदी से बेहद आत्मिक मुलाकात करते देखे गए। यह ऋषि सुनक और पीएम मोदी पहली मुलाकात थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त वार्ता हुई। मगर पूरी दुनिया की निगाहें पीएम मोदी और शी जिनपिंग पर टिकी थीं। दोनों नेता आसपास तो हुए, लेकिन पीएम मोदी ने शी जिनपिंग की तरफ बिलकुल भी नहीं देखा। इससे पूरी दुनिया समझ गई कि भारत की नाराजगी चीन से आखिर किस लिए है।
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