मिजोरम के हनहथियाल जिले में पत्थर की एक खदान ढह गई है। इस हादसे में कुल 10 लोगों की मौत हो गई है। ये खदान 14 नवंबर की शाम को ढही थी, जिसके बाद खदान में काम कर रहे 12 श्रमिक लापता हो गए थे। इस हादसे के बाद से ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
आइजोल। दक्षिण मिजोरम के हनहथियाल जिले में सोमवार को ढही पत्थर की एक खदान के मलबे से दो और शव बरामद किए गए हैं, जिससे इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस हादसे के बाद से ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है।
इस संबंध में पीएम मोदी कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने मिजोरम में दुखद पत्थर खदान ढहने के हादसे मे अपने प्रियजनों को खोया है। मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि मृतकों में पश्चिम बंगाल के पांच, झारखंड और असम के दो-दो तथा मिजोरम के लुंगलेई जिले का एक श्रमिक शामिल है। हनथियाल कस्बे से करीब 23 किलोमीटर दूर मौदढ़ गांव में सोमवार को पत्थर की खदान धंसने से वहां काम कर रहे कुल 12 लोग लापता हो गए थे।
चल रहा तलाशी अभियान
हनहथियाल के जिला उपायुक्त आर लालरेमसंगा ने कहा कि मंगलवार रात सघन तलाशी अभियान के बाद मलबे से दो और शव बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही पत्थर की खदान के मलबे में दबे कुल 12 लोगों में से 10 का पता लगा लिया गया है। उन्होंने बताया कि दो श्रमिक अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। ये श्रमिक मिजोरम और असम के रहने वाले हैं। हनहथियाल के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने कहा कि पत्थर की खदान में जब भूस्खलन हुआ, तब वहां कुल 13 श्रमिक काम कर रहे थे।
हालांकि, इनमें से एक बाहर निकलने में सफल हो गया, जबकि 12 अन्य मलबे में फंस गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि श्रमिकों ने बहुत गहरी खुदाई कर दी थी, जिससे पत्थर की खदान ढह गई। लालरेमसंगा ने बताया कि हादसे में खुदाई करने वाली पांच मशीनें, एक स्टोन क्रशर और एक ड्रिलिंग मशीन भी पूरी तरह से मलबे में दब गए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र लगभग 5,000 वर्ग मीटर है। पत्थर की इस खदान का स्वामित्व एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास है। हादसे में लापता 12 लोगों में से चार एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी थे, जबकि आठ अन्य एक ठेकेदार के साथ काम करते थे।
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