पैंक्रियाज किसे कहते हैं? पैंक्रियाज ऑर्गन पेट में मौजूद होता है। यही अंग (pancreas function) इंसुलिन पैदा करता है, जो कि ब्लड शुगर को मैनेज करता है। अग्न्याशय का दूसरा काम खाने के पाचन में मदद करना भी होता है। आपको बता दें कि पैंक्रियाज कैंसर का सर्वाइवल रेट सिर्फ 5 साल है, जो कि बेहद कम है।
शुरुआत में दिखते हैं ये लक्षण

इंदौर के एम्पाथ के लैब ऑपरेशन के कंसल्टेंट डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि पैंक्रियाज का शारीरिक परीक्षण उपलब्ध ना हो पाने के कारण इसका निदान मुश्किल हो जाता है। हालांकि, कुछ आम लक्षणों से इस साइलेंट कैंसर की शुरुआत में ही पहचान की जा सकती है। जैसे-
- पीलिया और खुजली, गहरे रंग का पेशाब, हल्के रंग या चिकना मल जैसे संबंधित लक्षण
- पेट दर्द जो पीठ तक महसूस हो
- अकारण वजन घटना और भूख ना लगना
- अपच, मतली, उल्टी, सूजन जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) लक्षण
- अचानक डायबिटीज हो जाना या गंभीर होना
ये आदत पैदा करती है कैंसर

पैंक्रियाटिक कैंसर का सबसे मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। जिन लोगों को तंबाकू खाने की आदत होती है, उन्हें पैंक्रियाज के कैंसर का जोखिम दोगुना होता है। किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करना इसका प्रमुख खतरा है।
वजन कंट्रोल ना करने की आदत

बहुत अधिक वजन होना अग्न्याशय के कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है। मोटे लोगों (30 या अधिक का बॉडी मास इंडेक्स [बीएमआई]) में पैंक्रियाज के कैंसर के विकसित होने की संभावना लगभग 20% अधिक होती है।
डायबिटीज भी बढ़ाता है खतरा

डायबिटीज के मरीजों में पैंक्रियाटिक कैंसर अधिक होता है, खासतौर से टाइप-2 डायबिटीज में इससे बचने की काफी जरूरत होती है। हालांकि, इसके पीछे का कारण अभी सामने नहीं आ पाया है
पैंक्रियाटाइटिस की पुरानी बीमारी

पैंक्रियाटाइटिस की पुरानी बीमारी के मरीजों में पैंक्रियाटिक कैंसर काफी तेजी से विकसित होता है। पुरानी पैंक्रियाटाइटिस के मरीजों में धूम्रपान और शराब का भारी सेवन खतरे को और ज्यादा बढ़ा देता है।
केमिकल्स के संपर्क में रहना

ड्राई क्लीनर्स और मेटल वर्कर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले कुछ केमिकल के संपर्क में आने से व्यक्ति के अग्न्याशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इन केमिकल्स में क्लोरीनयुक्त हाइड्रोकार्बन सॉल्वैंट्स, निकेल और निकेल कंपाउंड, क्रोमियम कंपाउंड, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन, ऑर्गेनोक्लोरिन कीटनाशकों, सिलिका डस्ट और एलिफेटिक सॉल्वैंट्स शामिल हैं।
पैंक्रियाटिक कैंसर के अन्य कारण

लिवर सिरोसिसलिवर सिरोसिस, शारीरिक गतिविधि ना करना, हाई फैट और कोलेस्ट्रॉल डाइट और भारी शराब का सेवन पैंक्रियाटिक कैंसर के खतरों से जुड़ा हो सकता है। वहीं, फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक म्युटेशन भी इस घातक कैंसर को बढ़ा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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