पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को धन धोशन मामले में मिली जमानत, जेल से बाहर आने के लिए करना होगा इंतजार

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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े कथित धनशोधन मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को जमानत मिल गई है। हालांकि जेल से बाहर आने में अभी सचिन वाजे को समय लगेगा। उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास हुए विस्फोट समेत अन्य मामले में भी सचिन वाजे आरोपी है।

मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े कथित धनशोधन मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को शुक्रवार को जमानत दे दी। वाजे, हालांकि, जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि वह उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी कार खड़ी होने की घटना और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या सहित अन्य मामलों में आरोपी हैं। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 88 के तहत ज़मानत के लिए वाज़े की यह दूसरी अर्जी थी, जो उन मामलों से संबंधित है जहां एक याचिकाकर्ता को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कड़े प्रावधानों के तहत पहले गिरफ्तार किए बिना न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया हो। 

पीएमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकडे ने वाजे की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाजे को एक आरोपी के रूप में नामित किया था, लेकिन उन्हें इस मामले में कभी औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया था। वाजे ने अधिवक्ता सजल यादव और हर्ष गांगुर्दे के माध्यम से दायर अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उन्हें पीएमएलए के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया था और इसलिए, अधिनियम की कठोरता (जिसके तहत जमानत मिलना मुश्किल है) उन पर लागू नहीं होगी। 

मुंबई अपराध शाखा के पूर्व सहायक निरीक्षक वाजे ने भी परिस्थितियों में बदलाव के रूप में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत का हवाला दिया। आवेदन में कहा गया है कि इस साल जून में वाजे ने पीएमएलए अदालत के समक्ष इकबाली गवाह (अभियोजन गवाह) बनाये जाने के लिए एक याचिका दायर की थी और अभियोजन पक्ष ने इसके लिए सहमति दी थी। वाजे की जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने कहा कि उसे ईडी ने गिरफ्तार नहीं किया है। अदालत ने कहा कि उसने जांच में सहयोग किया और ईडी ने मामले में माफी मांगने की उसकी याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जताई। अदालत ने इस तथ्य पर भी विचार किया कि देशमुख को उच्च न्यायालय ने उसी मामले में जमानत दे दी है। 

ईडी मामले में गवाह बनने के लिए अदालत ने अभी तक वाजे के आवेदन पर फैसला नहीं किया है, लेकिन सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे एक संबंधित मामले में उन्हें सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी गई है। ईडी का मामला यह है कि राज्य के गृहमंत्री के रूप में कार्य करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने वाजे के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल में है। वाजे एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी कार मिलने के मामले और मनसुख हिरन हत्याकांड में एक प्रमुख आरोपी हैं। उन्हें मार्च 2021 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

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