
Creative Common
जस्टिस एस के कौल और ए एस ओका की पीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा वापस लिए जाने के कारण इसे खारिज कर दिया और कहा गया कि आवेदन में मांगी गई प्रार्थना अदालत के दायरे से बाहर है और सरकार के विचार करने के लिए सबसे अच्छा है।
सुप्रीम कोर्ट ने टू चाइल्ड पॉलिसी का आदेश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। देश में जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए कड़े और प्रभावी नियम, विनियम और दिशानिर्देश तैयार करने और सरकारी नौकरियों, सहायता, सब्सिडी के लिए दो बच्चों के मानदंड को अनिवार्य मानदंड बनाने जैसे निर्देश देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस एस के कौल और ए एस ओका की पीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा वापस लिए जाने के कारण इसे खारिज कर दिया और कहा गया कि आवेदन में मांगी गई प्रार्थना अदालत के दायरे से बाहर है और सरकार के विचार करने के लिए सबसे अच्छा है।
इसे भी पढ़ें: Rajiv Gandhi assassination: दोषियों की रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की समीक्षा याचिका
इससे पहले दलीलों के दौरान जस्टिस एसके कौल ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि हम कानून बनाने में कैसे शामिल हो सकते हैं। याचिकाकर्ता-इन-पर्सन अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हम लॉ कमीशन द्वारा इस विषय पर एक रिपोर्ट बनाने की मांग कर रहे हैं। जस्टिस एसके कौल ने कहा कि आप अनिवार्य रूप से दो बच्चों के मानदंड को अनिवार्य करने की मांग कर रहे हैं, विधायक को करने दीजिए। यह कोर्ट का काम नहीं है। बेंच ने आगे यह भी टिप्पणी की-लॉ कमीशन इस बारे में क्या कर सकता है? यह एक सामाजिक मुद्दा है। सरकार इस पर संज्ञान ले।
इसे भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अर्जी को सुनवाई के योग्य माना
याचिकाकर्ता-इन-पर्सन अश्विनी उपाध्याय ने अदालत के समक्ष कहा कि यह मामला गंभीर महत्व का है क्योंकि यह जनसंख्या की भारी दर से संबंधित है। याचिकाकर्ता-इन-पर्सन अश्विनी उपाध्याय ने अदालत के समक्ष कहा कि यह मामला गंभीर महत्व का है क्योंकि यह देश में जनसंख्या वृद्धि की भारी दर और इसके कारण हमारे देश को होने वाले खतरों से संबंधित है। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि से जुड़े कई आंकड़े भी बताए।
अन्य न्यूज़
www.prabhasakshi.com
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by The2ndPost. Publisher: www.prabhasakshi.com