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जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि यहां कश्मीरियों के खिलाफ जहर फैलाने की कोशिश की। उन्होंने दुनिया को यह बताने की कोशिश की कि हर कश्मीरी को बंदूकें पसंद हैं।
इस साल की बहुचर्चित फिल्मों की बात की जाए तो उसमें द कश्मीर फाइल्स का नाम सबसे ऊपर आ रहा है। द कश्मीर फाइल्स इस साल की सबसे सफलतम फिल्मों में से एक है। हालांकि, इस फिल्म को लेकर राजनीति भी जबरदस्त तरीके से हुई। एक बार फिर से द कश्मीर फाइल्स को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि कुछ लोगों ने फिल्मों को बनाकर कश्मीरियों को अपमानित करने का प्रयास किया है। अपने बयान में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने हमारा अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कुछ फिल्में बनाकर कश्मीरियों को अपमानित करने का भी प्रयास किया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि यहां कश्मीरियों के खिलाफ जहर फैलाने की कोशिश की। उन्होंने दुनिया को यह बताने की कोशिश की कि हर कश्मीरी को बंदूकें पसंद हैं। इस फिल्म को शुरुआत में प्रोपेगेंडा फिल्म करार दिया गया था। दावा किया गया था कि भाजपा की ओर से यह फिल्म बनवाई गई है। हालांकि बाद में दर्शकों ने इस फिल्म को खूब पसंद किया। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म में कमाल किया। इस फिल्म को विवेक अग्निहोत्री ने बनाया था। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में अनुपम खेर थे। इस फिल्म में 90 के दशक में कश्मीर के हालात को दिखाने की कोशिश की गई थी तथा यह बताया गया था कि कैसे वहां आतंकवाद फैला था।
इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस ने साफ तौर पर कहा था कि कश्मीरी पंडितों का पलायन कश्मीरियत पर धब्बा है। लेकिन फिल्म सच्चाई से कोसों दूर है क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने मुस्लिम और सिखों के बलिदान को नजरअंदाज किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि द कश्मीर फाइल्स एक व्यवसायिक फिल्म थी, इसमें किसी को कोई समस्या नहीं। लेकिन निर्माताओं का दावा है कि यह वास्तविकता पर आधारित है तो इसमें कोई शक नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीरी पंडित आतंकवाद के शिकार हुए हैं तो हमें इसका बहुत अफसोस है। लेकिन हमें मुसलमानों और सिखों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए।
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