मानवाधिकार का मामला हो या ऑयल डील का दोनों ही विषय पर भारत के विदेश मंत्री के जवाब ने अमेरिका को इस बात का भान करा दिया है कि अब भारत बदल गया है। वहीं पाकिस्तान हो या आतंकवाद या फिर डिप्लोमेसी की बात जयशंकर ने युक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में भी एक बार फिर से अपने जवाबों से पूरी लाइमलाइट बटोर ली।
पॉवरफुल की क्या परिभाषा हो सकती है, ठेठ देशी अंदाज में समझें तो उसका घर भी अच्छे से चले और पूरे मौहल्ले में भी भौकाल हो। यही बात देशों पर भी लागू होती है। भारत की हमेशा से ये चाह रही है कि उसे दक्षिण एशिया में इज्जत मिले। उसे एक पॉवरफुल कंट्री की तरह देखा जाए। उसकी ये इच्छा उसकी विदेश नीति की दिशा तय करती है। भारत की विदेश नीति का लोहा इन दिनों देश-दुनिया महसूस कर रही है साथ ही भारत के विदेश मंत्री का भी। मानवाधिकार का मामला हो या ऑयल डील का दोनों ही विषय पर भारत के विदेश मंत्री के जवाब ने अमेरिका को इस बात का भान करा दिया है कि अब भारत बदल गया है। वहीं पाकिस्तान हो या आतंकवाद या फिर डिप्लोमेसी की बात जयशंकर ने युक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में भी एक बार फिर से अपने जवाबों से पूरी लाइमलाइट बटोर ली।
पाकिस्तान के मंत्री से आतंकवाद के बारे में पूछें
पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत को आतंकवाद का मूल स्रोत बताने की कोशिश की। उसने कहा कि दक्षिण एशिया को कब तक ये आतंकवाद झेलना पड़ेगा, जो नई दिल्ली, काबुल और पाकिस्तान में फैल रहा है? जयशंकर ने कहा कि आप जानते हैं, आप गलत मंत्री से पूछ रहे हैं जब आप कहते हैं कि हम ऐसा कब तक करेंगे? क्योंकि यह पाकिस्तान के मंत्री हैं जो आपको बताएंगे कि पाकिस्तान कब तक आतंकवाद का अभ्यास करना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया बेवकूफ नहीं है, दुनिया भुलक्कड़ नहीं है और दुनिया आतंकवाद में लिप्त देशों और संगठनों को तेजी से बुलाती है। उन्होंने आगे कहा, “मेरी सलाह है, कृपया अपने कृत्य को साफ करें। कृपया एक अच्छा पड़ोसी बनने की कोशिश करें।
पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र
जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के हवाले से पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के किसी भी देश ने भारत से बेहतर आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं किया जैसे हालिया आरोप का भी जवाब दिया। जयशंकर ने कहा, ‘‘ खार ने जो कहा है, मैंने उससे जुड़ी खबरें देखी हैं। जहां तक मुझे याद है, करीब एक दशक से भी पहले जब हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। हिना रब्बानी तब मंत्री थीं। उनके साथ खड़े होकर हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि यदि सांप आपके आंगन में है तो आप उससे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह केवल आपके पड़ोसी को ही काटेगा। अंतत: वह उसे आंगन में रखने वाले लोगों को भी काटेगा, लेकिन जैसा कि आपको पता है पाकिस्तान अच्छी सलाह जल्दी से नहीं मानता। आपको पता ही है कि वहां क्या हो रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा- आरएसएस हिटलर से प्रेरित है
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित किया और जयशंकर की ‘ओसामा बिन लादेन की मेजबानी’ वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। बिलावल ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ”(मैं भारत को बताना चाहता हूं) कि ओसामा बिन लादेन मर गया, लेकिन गुजरात का कसाई जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। उनके (पीएम मोदी के) प्रधानमंत्री बनने तक इस देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ये आरएसएस के प्रधानमंत्री और आरएसएस के विदेश मंत्री हैं। आर एस एस क्या है? आरएसएस हिटलर से प्रेरणा लेता है।
यूएनएससी में मुंबई आतंकी हमले के पीड़ित
यूएनएससी ब्रीफिंग में भारत ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के पीड़ितों को उनके अनुभव के बारे में बात करने के लिए प्रस्तुत किया और बताया कि कैसे वे अभी भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 26/11 के आतंकी हमलों की शिकार नर्स अंजलि कुलथे ने अपना भाषण समाप्त किया, जयशंकर ने कहा, “उनकी गवाही परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक सख्त अनुस्मारक है कि कई आतंकवादी घटनाओं के पीड़ितों को अभी न्याय दिया जाना बाकी है, जिसमें 26/11 का मुंबई हमला भी शामिल है।
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