कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने यहां जनसभा में कहा, ‘ साढ़े तीन साल पहले राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद लूट को छोड़कर कोई विकास काम नहीं हुआ। नड्डा जी, जब आप भाजपा सरकार को ‘रिश्वत मुक्त सरकार’ कहते हैं तब आप झूठ बोल रहे होते हैं।’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य की भाजपा सरकार को ‘रिश्वत मुक्त’ बताकर कथित रूप से लोगों से झूठ बोलने को लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की आलोचना की।
एक दिन पहले ही नड्डा ने कोप्पल में एक जनसभा में कहा था कि भाजपा को छोड़कर सभी दल ‘कमीशन’ के लिए काम करते हैं।
कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने यहां जनसभा में कहा, ‘‘ साढ़े तीन साल पहले राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद लूट को छोड़कर कोई विकास काम नहीं हुआ। नड्डा जी, जब आप भाजपा सरकार को ‘रिश्वत मुक्त सरकार’ कहते हैं तब आप झूठ बोल रहे होते हैं।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने नड्डा के बृहस्पतिवार के उस बयान का मजाक उड़ाया कि वर्तमान मुख्यमंत्री बसवसराज बोम्मई और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा समेत (भाजपा के) मुख्यमंत्री लोगों के समक्ष रिपोर्ट कार्ड के साथ जाते हैं।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘ आप भाजपा नेताओं से लोगों के सामने रिपोर्ट कार्ड लेकर जाने को कहते हैं लेकिन आपने (भाजपा ने) राज्य में कौन सा विकास किया है? उसके बाद भी , आप खुद को डबल इंजन सरकार कहते हैं।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार है जिसे राज्य में सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी कहा था कि मंत्री 40 प्रतिशत कमीशन वसूलते हैं।
विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘विधानसौध की दीवारें भी कानाफूसी कर रही है कि आपकी सरकार भ्रष्ट है। भर्ती, तबादले, प्रोन्नति और तैनाती में रिश्वत दी जाती है और ली जाती है। वे सिर्फ सरकारी योजनाओं में ही पैसे नहीं वसूलते हैं।’’
इस संदर्भ में सिद्धरमैया ने याद किया कि ठेकेदार संतोष पाटिल ने इस साल की शुरुआत में कथित रूप से खुदकुशी कर ली क्योंकि वह काम के लिए 40 प्रतिशत रिश्वत नहीं दे सका।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके पूर्ववर्ती येदियुरप्पा के बीच मतभेद पैदा हो गये हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘येदियुरप्पा को बस इसलिए उनके पद से हटाया गया और उनकी जगह बोम्मई को लाया गया क्योंकि भाजपा किसी ऐसे को (मुख्यमंत्री की कुर्सी पर) चाहती थी जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चले।’’
सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानाचार्य और गृहमंत्री अमित शाह को सहायक प्रधानाचार्य बताया और कहा कि उनके सामने लोगों को हाथ बांधकर खड़ा रहना पड़ता है क्योंकि किसी में उनके सामने तनकर खड़ा रहने का साहस नहीं है।
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