
हर्ष सांघवी
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2022 गुजरात विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसी प्रोफ़ाइल सीटें रही हैं जिसके बारे में जानने के लिए हर कोई इच्छुक था। भाजपा के मजबूत गढ़ वाले सूरत की मजूरा सीट भी एक ऐसी ही एक चर्चित सीट रही है। इस सीट से मौजूदा विधायक गुजरात सरकार में राज्य मंत्री हर्ष सांघवी हैं जो भाजपा के प्रमुख युवा चेहरे भी हैं। इस चुनाव में उन्होंने आप के पी वी एस सरमा को 1,16,675 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया।
बता दें कि इस चुनाव से पहले भाजपा ने यहां हुए दोनों चुनाव में जीत अर्जित की थी। इस सीट पर 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे।
2017 में यहां भाजपा को मिली थी जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में भाजपा ने मौजूदा विधायक हर्ष सांघवी को टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस के अशोक कोठारी को 85 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी। इस चुनाव में कुल दस उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को छोड़कर आठ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
2017 से पहले 2012 चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। उस चुनाव में भाजपा की ओर से मैदान में उतरे हर्ष सांघवी ने कांग्रेस के धनपत राय जैन को शिकस्त दी थी। परिसीमन के बाद 2012 में ही यहां पहली बार चुनाव हुए थे। अब तक हुए दोनों भाजपा ने ही जीते हैं।
राज्य मंत्री सांघवी लगातार तीसरी बार मैदान में थे
2022 चुनाव के लिए इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक व राज्य मंत्री हर्ष सांघवी पर एक बार फिर से दांव लगाया था। पार्टी ने उनको लगातार तीसरी बार मजूरा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं, कांग्रेस ने बलवंत शांतिलाल जैन को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इस सीट पर एक दिसंबर को पहले चरण में मतदान हुआ था। नतीजे आठ दिसंबर को आए।
2017 में सूरत जिले की 14 सीटों पर जीती थी भाजपा
मजूरा विधानसभा सीट, सूरत जिले के अंतर्गत आने वाली 16 विधानसभा सीटों में से एक है। 2017 में जिले की 16 में से 14 सीटों पर भाजपा को बम्पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस मात्र दो सीट पर ही जीत दर्ज करने में सफल रही थी।
इस बार कैसे रहे गुजरात के नतीजे?
इस बार भारतीय जनता पार्टी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा के 156 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस 77 सीटों से सीधे 17 पर आ गई। मतलब कांग्रेस को 60 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, इस बार सरकार बनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के केवल पांच प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। एक सीट पर सपा उम्मीदवार विजयी हुए तो बाकी तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं।
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