INS मोरमुगाओ
भारतीय नौसेना की ताकत आज और भी बढ़ जाएगी। जलसेना में आज एक और ताकतवर युद्धपोत शामिल हो जायेगा। इस नए युद्धपोत को भारतीय नौसेना के ‘वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है। INS मोरमुगाओ का नाम पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसे आज नौसेना को समर्पित करेंगे।
सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक
देश में ही बनाया गया INS मोरमुगाओ नौसेना के सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। इसकी लम्बाई 163 मीटर है और चौड़ाई 17 मीटर है। इस ताकतवर युद्धापोत का वजन लगभग 7400 टन है। यह 30 समुद्री मिल की अधिक गति से भी चल सकता है। INS मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसमें इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है। 127 मिलीमीटर गन से लैस INS मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को निशाना बनाने में भी सक्षम है। इस पर AK-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम लगा है। साथ ही यह एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर से भी लैस है।
INS मोरमुगाओ
युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम
इस स्वदेशी युद्धपोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम है। चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरे विध्वंसक को नौसेना में औपचारिक रूप से आज शामिल किया जाएगा। नौसेना के कमांडर अंशुल शर्मा ने बताया, यह जहाज ‘मोरमुगाओ’ पी15 ब्रेवर क्लास का दूसरा जहाज है। यह जहाज सभी हथियारों और सेंसर के साथ पूरी तरह से तैयार है और किसी भी तरह की ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट के लिए तैयार है। उन्होंने बताया, यह जहाज अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों सुसज्जित है, जो लगभग हर युद्ध, एंटी-एयर और एंटी-सबमरीन में युद्ध के अंतिम स्पेक्ट्रम में लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
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