विटामिन डी की कमी के कारण? अभी तक यह माना जाता था कि धूप में ना रहने से विटामिन डी की कमी होती है। लेकिन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट कुछ और बताती है। यह रिपोर्ट बताती है कि विटामिन डी कम होने के पीछे 9 कारण हो सकते हैं। इस आर्टिकल में आगे इन कारणों के बारे में जानते हैं।
त्वचा का रंग डालता है फर्क

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट कहती है कि त्वचा का रंग भी विटामिन डी की कमी पैदा कर सकता है। क्योंकि, हमारी त्वचा का रंग मेलानिन से निर्धारित होता है। गहरे रंग की त्वचा में ज्यादा मेलानिन होता है और यह धूप से पैदा होने वाले विटामिन डी का उत्पादन धीमा करता है। गोरे रंग के मुकाबले गहरे रंग वाले लोगों को विटामिन डी के उत्पादन के लिए ज्यादा धूप चाहिए।
त्वचा का तापमान बनता है कारण

त्वचा के तापमान के कारण भी विटामिन डी कम हो सकता है। रिपोर्ट कहती है कि जब त्वचा का तापमान ज्यादा होता है, जो शरीर विटामिन डी का उत्पादन जल्दी करता है। इसलिए एयर कंडीशन में रहने वाले लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा मिलती है।
लिवर और किडनी की बीमारी

बीमार लिवर ढंग से बाइल का उत्पादन नहीं कर पाता है। जो कि शरीर में विटामिन डी के अवशोषण के लिए जरूरी है और इसकी कमी होने लगती है। उसी तरह किडनी की बीमारी में भी बायोएक्टिव विटामिन डी का स्तर तेजी से गिरने लगता है।
गट हेल्थ

फूड और सप्लीमेंट्स से लिया जाने वाला विटामिन डी छोटी आंत द्वारा अवशोषित किया जाता है। पेट से पैदा होने वाला एसिड, पैंक्रियाज से पैदा होने वाला रस, लिवर से पैदा होने वाला बाइल आदि इसके अवशोषण पर फर्क डालते हैं। इसलिए अक्सर गट हेल्थ खराब होने के कारण विटामिन डी भी कम हो सकता है।
विटामिन डी कम होने के कारण

हॉर्वर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कई अन्य कारणों से भी शरीर विटामिन डी का कम उत्पादन करने लगता है। जैसे-
- ऊंची जगहों पर रहना
- वायु प्रदूषण में रहना
- सनस्क्रीन का रोजाना इस्तेमाल
- मोटापा
- बुढ़ापा
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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