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देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती भाग में जो कोई प्रश्न चल रहे हैं उसके ऊपर महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने एक आंदोलन रखा था, जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक था।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बेलगाम शहर में 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। जिसके विरोध में मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमएमईएस) बेलगावी के जिला मुख्यालय तिलकवाड़ी में एक विरोध प्रदर्शन किया। किंतु कर्नाटक की सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। अब पूरे मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने अपनी राय रखी है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती भाग में जो कोई प्रश्न चल रहे हैं उसके ऊपर महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने एक आंदोलन रखा था, जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक था। किंतु कर्नाटक की सरकार ने उसको परमीशन नहीं दी। हमारे यहां से भी कुछ नेता वहां जाना चाहते थे, लेकिन उनको भी परमीशन नहीं दी गई। हम जरूर इसके ऊपर कर्नाटक की सरकार और वहां के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। दोनों राज्यों ने तय किया है कि आवाजाही पर रोक नहीं है। शांतिपूर्ण अगर कोई आंदोलन हो रहा है तो उसको भी रोकने का कोई कारण नहीं है। फडणवीस ने कहा कि हम हमारे सीमावर्ती मराठी भाई-बहनों के साथ खड़े हैं।
वहां के सीएम साहब ने गृह मंत्री के सामने स्पष्ट रूप से ये कहा है कि ये ट्वीट फेक हैंडल से किए गए हैं। वो उनके नहीं है और वो इस पर कार्रवाई भी करने वाले हैं। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक से बढ़ते हुए तनाव को कम करने की कोशिशें की गई और तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले दोनों ही ओर से कोई दावा नहीं किया जाएगा, बयानबाजी नहीं होगी। इस बैठक में तनाव बढ़ाने के लिए फेक ट्वीटर अकाउंट से किए जाने वाले ट्वीट को जिम्मेदार बताया गया।
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