वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इस रकम का प्रावधान करके शिंदे-फडणवीस सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए तगड़ी मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।
अतिरिक्त 2,135 करोड़ रुपये का प्रावधान
पूरक मांगों में कृषि पंप धारक किसान, पावर लूम, वस्त्रोद्योग ग्राहक और औद्योगिक ग्राहकों के विद्युत शुल्क में राहत देने के लिए 4,997 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। भारी बारिश और प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित किसानों की मदद करने के लिए 3,200 करोड़ रुपये देने की मांग की है। प्याज उत्पादक किसानों के लंबित प्याज अनुदान देने के लिए 7,000.47 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य के अनुदानित स्कूलों के शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की पहली और दूसरी किश्त के भुगतान और तीसरी किश्त देने के लिए अतिरिक्त 2,135 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
विभाग के अनुसार पूरक मांगें (हजार करोड़ रुपये में)
नगर विकास विभाग: 8,945
ऊर्जा और कामगार विभाग: 7,663
पीडब्ल्यूडी विभाग: 7,332
ग्राम विकास विभाग: 5,579
शालेय शिक्षा और खेल विभाग: 3,909
राजस्व और वन विभाग: 3,808
वित्त विभाग: 2,466
आदिवासी विकास विभाग: 1,849
अन्य पिछड़ा वर्ग बहुजन कल्याण विभाग: 1,587
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग: 1,437
जलसंपदा विभाग: 1,203
कृषि विभाग: 1,200
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