लखनऊः उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव पर इलाहाबाद हाई कोर्ट आज महत्वपूर्ण फैसला दे सकता है। मामले से जुड़ी एक याचिका पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा, जिस पर प्रदेश के तमाम छोटे-बड़े दलों की नजर है। निर्दलीय उम्मीदवार भी हाई कोर्ट से किसी फैसले की उम्मीद जता रहे हैं। मंगलवार को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर फैसला आने की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि 24 दिसंबर के बाद हाई कोर्ट 2 जनवरी तक के लिए बंद रहेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि कोर्ट इस पर मंगलवार को ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर देगा।
बता दें कि बीते हाई कोर्ट ने 12 दिसंबर को निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने पर अंतरिम रोक लगाई थी, जो मंगलवार तक प्रभावी है। मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर फंसा है, जिसके लिए याचिका दाखिल की गई है। वैभव पांडेय और अन्य के नाम से दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट का फॉर्म्युला अपनाने को कहा था। आरोप है कि सरकार ने बिना ट्रिपल टेस्ट के रैपिड टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय कर दिया।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। वहीं राज्य सरकार ने भी कहा है कि उसने आरक्षण के लिए रैपिड टेस्ट करा लिया था और इसी के आधार पर आरक्षण तय किए गए हैं। राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि याचिकाकर्ताओं की अपील पोषणीय नहीं है। अगर उन्हें आरक्षण पर कोई आपत्ति थी तो वे प्रत्यावेदन देकर अपनी बात रख सकते थे।
मंगलवार को हाई कोर्ट इसी मसले पर सुनवाई करेगा। सभी को उम्मीद है कि कोर्ट इस दौरान किसी नतीजे पर पहुंचे, ताकि निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सके। अगर मंगलवार को इस पर कोई फैसला नहीं आता तो इस साल निकाय चुनाव होने की संभावना खत्म हो जाएगी क्योंकि 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक हाई कोर्ट में शीतकालीन अवकाश रहेगा।
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