harvard की एक रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना अलग-अलग तरह की सब्जियां खाने से दिल से जुड़े रोगों का खतरा 4 फीसदी तक कम हो सकता है। इतना ही नहीं, सब्जियां ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखती हैं और कैंसर सेल्स को खत्म करती हैं। पत्तेदार सब्जियां डायबिटीज, मोटापे, पेट के रोग, आंखों की समस्याओं के इलाज में भी सहायक हैं।
सभी सब्जियां शरीर के लिए लाभदायक हों, यह जरूरी नहीं है। कुछ सब्जियों में कई तरह के टॉक्सिन पाए जाते हैं, जिनका गलत तरीके से इस्तेमाल करने से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। चलिए जानते हैं आपके द्वारा रोजाना खाई जाने वाली किन सब्जियों में किस तरह के विषैले पदार्थ पाए जाते हैं।
गाजर और अजवाइन में Furocoumarins

WHO के अनुसार, गाजर और अजवाइन में Furocoumarins नामक विषाक्त पदार्थ पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गाजर और अजवाइन की सब्जी को कच्चा या बहुत अधिक खाने से आपको पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह विषाक्त पदार्थ नींबू और अंगूर जैसे खट्टे फलों में भी पाया जाता है।
राजमा में लेक्टिन्स

कई प्रकार की फलियों में लेक्टिन नामक विषाक्त पदार्थ होते हैं और लाल राजमा में सबसे अधिक मात्रा होती है। कम से कम 4 या 5 कच्ची फलियां खाने से आपको गंभीर पेट दर्द, उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है। लेक्टिंस तब नष्ट हो जाते हैं जब सूखे फलियों को कम से कम 12 घंटे तक भिगोया जाता है और फिर पानी में कम से कम 10 मिनट तक उबाला जाता है।
जंगली मशरूम में मस्किमोल और मस्करीन

जंगली मशरूम में मस्किमोल और मस्करीन जैसे कई विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं, जो उल्टी, दस्त, पेट और आंत के रोग, लार और मतिभ्रम का कारण बन सकते हैं। मशरूम के सेवन के 6-24 घंटे या उससे अधिक समय बाद लक्षणों की शुरुआत होती है। घातक जहर आमतौर पर लक्षणों की शुरुआत में देरी से जुड़ा होता है जो बहुत गंभीर होते हैं, लिवर, किडनी और तंत्रिका तंत्र के डैमेज होने का खतरा होता है। आपको किसी भी जंगली मशरूम के सेवन से बचना चाहिए।
टमाटर, आलू और बैंगन में सोलनिन और चाकोनाइन

टमाटर, आलू और बैंगन के पौधों में सोलनिन और चाकोनीन विषाक्त पदार्थ पाए जाते हैं। अंकुरित आलू और हरे छिलके वाले आलू के साथ हरे टमाटरों में इनकी मात्रा अधिक होती है। इन चीजों में विषाक्ता कम करने के लिए इन्हें ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करना जरूरी है और इनका हरा हिस्सा या अंकुरित नहीं खाना चाहिए।
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बांस की जड़ें सायनोजेनिक

एशिया के कई हिस्सों में बांस की जड़ें सब्जी के रूप में खाई जाती है। इसमें प्रोटीन (एमिनो एसिड), कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स और विटामिन जैसी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। WHO के अनुसार, इसमें सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड फाइटोटॉक्सिन (पौधों द्वारा उत्पादित जहरीले रसायन) भी पाए जाते हैं। यह ऐसा केमिकल है जिससे आपको श्वसन, रक्तचाप में गिरावट, चक्कर आना, सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी, दस्त या मरोड़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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