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कन्नूर जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में विजयन के हवाले से कहा गया है कि परिवारों, विशेषकर माता-पिता के रवैये में इस तरह के बदलाव से समाज में बदलाव आएगा और इस तरह हम बच्चों के अनुकूल बन सकते हैं।
कन्नूर। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर बच्चों की राय पर विचार किया जाना चाहिए और इसे पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी।
कन्नूर जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में विजयन के हवाले से कहा गया है कि परिवारों, विशेषकर माता-पिता के रवैये में इस तरह के बदलाव से समाज में बदलाव आएगा और इस तरह हम बच्चों के अनुकूल बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री कन्नूर के धर्मदम निर्वाचन क्षेत्र में केरल बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब परिवार के निर्णय लेने की बात आती है, तो अक्सर बच्चों की बात नहीं होती क्योंकि परिवारों का मानना है कि उनकी राय महत्वपूर्ण नहीं है।
विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, “लोगों की सोच है कि बच्चों की राय महत्वपूर्ण नहीं है। इस सोच को बदलने की जरूरत है। हमारे समाज को उनके व्यक्तित्व का पूरी तरह से सम्मान करने में सक्षम होना चाहिए।”
विजयन ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि सरकार बच्चों के समग्र विकास और भविष्य की पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को तैयार करने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ियों की संख्या बढ़ाना एक ऐसा उपाय है।
उन्होंने कहा कि कोझिकोड जिले में 142 आंगनवाड़ियों में विशेष बच्चों के लिए सुविधाएं पायलट परियोजना के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी और आंगनवाड़ियों को सामुदायिक संसाधन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
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