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नगांव जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण हटाने का सबसे बड़ा अभियान सोमवार सुबह शुरू किया गया, जिसमें 5,000 से अधिक ‘‘अतिक्रमणकारियों’’ को हटाया गया। दरांग जिले में सितंबर 2021 में चलाए गए इसी तरह के एक अभियान के साल भर से अधिक समय बाद यह कार्रवाई की गई है।
सरकारी भूमि या वैष्णव सत्रों (मठों) से संबद्ध जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए असम सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार को यहां मध्यकालीन संत शंकरदेव के जन्मस्थल के पास अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई।
नगांव जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण हटाने का सबसे बड़ा अभियान सोमवार सुबह शुरू किया गया, जिसमें 5,000 से अधिक ‘‘अतिक्रमणकारियों’’ को हटाया गया।
दरांग जिले में सितंबर 2021 में चलाए गए इसी तरह के एक अभियान के साल भर से अधिक समय बाद यह कार्रवाई की गई है।
उस दौरान हुई हिंसा में पुलिस गोलीबारी हुई थी, जिसमें दो लोग मारे गए थे और 20 अन्य घायल हो गए थे।
नगांव की पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने यहां पत्रकारों को बताया कि संतीजन बाजार इलाके में सुबह अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू किया गया और अतिक्रमण की गई करीब 90 प्रतिशत भूमि मुक्त करा ली गई तथा इलाके में कहीं से भी हिंसा या प्रदर्शन की सूचना नहीं है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘लोगों ने हमारे साथ सहयोग किया। 80 प्रतिशत से अधिक लोगों ने खुद से ही अपने मकानों, दुकानों और अन्य ढांचों को नष्ट कर दिया।’’
अन्य अधिकारियों ने बताया कि कुल मिलाकर, करीब 50 बुलडोजर का इस्तेमाल इस अभियान में किया गया।
जिला प्रशासन ने जमीन खाली कराने के लिए अक्टूबर में 1,000 से अधिक परिवारों को नोटिस भेजे थे। प्रभावित लोगों ने सरकार से उन्हें वैकल्पिक जगह मुहैया कराने की अपील की है।
यहां अतिक्रमण हटाना पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रमुख चुनावी मुद्दा था।
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