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2000 में लखीमपुर खीरी जिले में प्रभात गुप्ता नामक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अजय मिश्र टेनी तथा अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सुबूतों के अभाव में 2004 में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था।
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ लखीमपुर खीरी जिले में साल 2000 में हुए प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने के लिए दाखिल पुनरीक्षण याचिका के साथ आपराधिक अपील पर अब 21 दिसंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनेगी।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की खंडपीठ ने नौ नवंबर 2022 को मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन अपने चैम्बर में फैसला लिखवाते वक्त न्यायाधीशों ने यह पाया कि उन्हें अब भी कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है लिहाजा पीठ ने इस मामले को 21 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए।
साथ ही उसने रजिस्ट्रार (सुनवाई) को सभी संबंधित वकीलों को सुनवाई वाले दिन अदालत में मौजूद रहने के लिए उन्हें सूचित करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 2000 में लखीमपुर खीरी जिले में प्रभात गुप्ता नामक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अजय मिश्र टेनी तथा अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सुबूतों के अभाव में 2004 में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था।
राज्य सरकार ने 2004 में ही निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
इसी तरह की एक याचिका राजीव गुप्ता नामक व्यक्ति ने भी दाखिल की थी। दोनों ही अपीलों को अदालत में सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था। लंबी प्रक्रिया के बाद गत नौ नवंबर 2022 को मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। दोनों ही पक्षों ने अपनी अपनी अपीलों पर दलीलें दी थीं, जिन्हें सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
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