इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यरत सुरक्षाकर्मी प्रभाकर सिंह की तहरीर पर दर्ज इस प्राथमिकी में आरोप है कि छात्र नेता विवेकानंद पाठक सोमवार को दोपहर में यूनियन गेट पर पहुंचे और सुरक्षागार्ड प्रभाकर सिंह से गेट खोलने को कहा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को सुरक्षाकर्मियों और छात्रों के बीच हुई झड़प और आगजनी के मामले में मंगलवार को विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की ओर से कर्नलगंज थाना में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। वहीं दूसरे पक्ष की ओर से सुरक्षागार्डों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 323, 336, 427, 435, 504 और 392 के तहत विवेकानंद पाठक, राहुल पटेल, अजय सम्राट, अभिषेक यादव, नवनीत सिंह, हरेंद्र यादव, आयुष प्रियदर्शी और सत्यम कुशवाहा को नामजद किया गया है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यरत सुरक्षाकर्मी प्रभाकर सिंह की तहरीर पर दर्ज इस प्राथमिकी में आरोप है कि छात्र नेता विवेकानंद पाठक सोमवार को दोपहर में यूनियन गेट पर पहुंचे और सुरक्षागार्ड प्रभाकर सिंह से गेट खोलने को कहा। गेट खोलने से मना करने पर पाठक ने गार्ड को गाली दी और थप्पड़ मारा।
तहरीर के मुताबिक, गार्ड के विरोध करने पर वहां कई छात्र एकत्रित हो गए और सुरक्षा गार्डों के साथ गाली गलौज करने लगे और पथराव करने लगे और कई वाहनों में आग लगा दी।
उधर, सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ भी कर्नलगंज थाना में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। विवेकानंद पाठक की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि प्रभाकर सिंह, एमके पांडेय, तारा चंद और अन्य 30-40 अज्ञात गार्डों ने विवेकानंद पाठक पर जानलेवा हमला किया और लाठी डंडे से उन्हें मारा।
छात्र नेता अजय सम्राट ने कहा कि पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में विवेकानंद पाठक और अन्य छात्र एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को विश्वविद्यालय के पुरा छात्र विवेकानंद पाठक के साथ विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की कुछ कहासुनी हुई जिसके बाद छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान दो मोटरसाइकिलों में आग लगा दी गई। हालांकि, दमकल विभाग के कर्मियों ने आग बुझा दी थी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय के गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और गार्ड द्वारा रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई। इसके बाद उपद्रवियों ने झुंड बनाकर परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी की।
इस स्थिति को देखते हुए मंगलवार को विश्वविद्यालय में कामकाज निलंबित रहा।
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