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अधिकारियों के मुताबिक प्रतिकूल मौसम के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-44 अवरुद्ध होने पर सिंथन दर्रे की सड़क जम्मू-कश्मीर संभागों की संपर्कता बनाए रखने में भी मदद करती है।
कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र में चिनाब घाटी से जोड़ने वाले सिंथन दर्रे को चिल्लई कलां के पहले दिन बुधवार को पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी खुला रखा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक प्रतिकूल मौसम के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-44 अवरुद्ध होने पर सिंथन दर्रे की सड़क जम्मू-कश्मीर संभागों की संपर्कता बनाए रखने में भी मदद करती है।
अनंतनाग के उपायुक्त बशारत कयूम ने कहा, ‘‘ इस कदम का उद्देश्य कोकरनाग में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना और दूर-दराज के इलाकों के लोगों को वाहन चलाने योग्य स्थिति प्रदान करना है।’’
उन्होंने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और इस तरह के कदमों का उद्देश्य पर्यटकों को वर्ष में ऐसे समय में खूबसूरत स्थलों का पता लगाने के लिए आमंत्रित करना है, जब आमतौर पर ऐसे क्षेत्र दुर्गम होते हैं।
गौरतलब है कि सिंथन टॉप एक पहाड़ी दर्रा है, जो अनंतनाग जिले में दक्षिण कश्मीर की ब्रेंग घाटी और चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में चतरू के बीच स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
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