देसाई ने कहा, ‘अगर कर्नाटक नहीं रुकता है, तो महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य को पानी की आपूर्ति को लेकर पुनर्विचार करना होगा।’ एनसीपी के नेता जयंत पाटील ने मंगलवार को कहा था कि महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य पर ‘लगाम कसने’ के लिए अपने बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए।
उकसाने वाली भाषा’ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
देसाई ने कहा कि वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की टिप्पणियों की निंदा करते हैं। संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसे बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो एक मुख्यमंत्री को ‘उकसाने वाली भाषा’ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कर्नाटक सरकार के महाराष्ट्र को एक इंच भी जमीन नहीं देने के रुख पर देसाई ने कहा कि हम अपनी आधा इंच जमीन भी लेकर रहेंगे। महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मराठीभाषियों के साथ मजबूती से खड़ा है। दोनों राज्यों के 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद जारी है।
महाराष्ट्र बेलगावी समेत उन 800 से अधिक मराठीभाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो कर्नाटक का हिस्सा हैं। मराठीभाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वहां रहता है। वहीं, कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है।
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