चौधरी ने मांग की कि भुजबल को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। इससे भुजबल नाराज हो गए और हाथ दिखाते हुए चौधरी को बैठ जाओ कहा। इससे बीजेपी विधायकों का पारा और भी चढ़ गया। इस बीच अजित पवार ने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि भुजबल ने मुर्गी शब्द वापस ले लिया है। फिर भी बीजेपी के विधायक भुजबल के माफी मांगने पर अड़े रहे। बढ़ते हंगामे की वजह से सदन का कार्यवाही दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भुजबल बोले- तब चुप क्यों थे?
सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, तब योगेश सागर ने भुजबल को संबोधित करते हुए कहा कि आप सरस्वती, सावरकर और संतों का अपमान करते हैं। इसी मुंबई ने आपको मेयर से लेकर सारे पद दिए हैं। आप वरिष्ठ हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप महिला सदस्य का अपमान करें। आपको माफी मांगनी चाहिए। भुजबल ने इस मांग का जवाब देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले का अपमान किया, जब आप चुप क्यों रहे? भुजबल के इस वाक्य ने सत्ता पक्ष के गुस्से को और बढ़ा दिया। अजित पवार ने सभागृह के माहौल को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भुजबल का इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था।
मुंबई सबकी है, मुंबई का अपमान कोई नहीं कर सकता। स्थानीय निकाय संस्था में हमने सबसे पहले 33 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया था। यह आरक्षण बाद में 50 फीसदी हमने किया। हमने हमेशा से महिलाओं का सम्मान किया, लेकिन यदि किसी की भावना आहत हुई है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
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