सांकेतिक तस्वीर
चीन में कोरोना का BF.7 वैरिएंट लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। अस्पतालों में इलाज के लिए हाहाकार मची हुई है। आईसीयू बेड की कमी होने लगी है। दवाई की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। दवा की कमी के कारण उनकी कीमतें कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। शवगृह में शवों के रखने की जगह नहीं बची है। चीन की इस स्थिति ने भारत के लोगों को 2020-21 के अप्रैल मई की याद दिला दी है। भारत के लोग भी दहशत में आ गए हैं। भारत में भी इस वैरिएंट के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली में बुधवार को कोरोना संक्रमण से एक मरीज की मौत हो गई।
मास्क पहनेनें की सलाह
चीन की हालत को देखते हुए भारत में भी लोग इस बात की आशंका जता रहे हैं कि यहां फिर से कोरोना के सभी नियमों का पालन किया जाएगा। जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन और अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया था कि वायरस के उभरते हुए वेरिएंट पर नजर रखने के लिए संक्रमित नमूनों के पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग को तैयार किया जाए। वहीं सरकार ने सलाह दी है कि लोग मास्क पहनें और कोरोना के सभी नियमों का पालन करना शुरू कर दें।
भारत के लोग दहशत में
लंबे-लंबे लॉकडाउन का दौर जो भारत के लोगों ने देखा है उसे फिर से कोई देखना नहीं चाहता। इस बीच देश में यह मांग उठने लगी है कि चीन और वो देश जो कोरोना से इस वक्त बेहाल हैं वहां से फ्लाइटों की आवाजाही बंद कर दी जाए। ताकि साल 2020 और 2021 की स्थिति फिर से हमारे सामने ना आ पाए। एक बार फिर मजदूर सड़कों पर पैदल चलकर अपने गांव वापस जाते ना दिखें।
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